BHAGINI NIVEDITA SHIKSHA SAMITI
An ISO 9001:2015 Certified National Level Non Government Voluntary Organization
Helping Hands for Skill Development & Women Empowerment
Authorized Training Partner of National Skill Development Corporation (NSDC)
Skill Development Training | Placement | Online Education | Women Empowerment | Health Education
मेरी सफलता की कहानी
नाम - दानिष सौदागर
पिता का नाम - इकवाल
माता का नाम - फातेमा
वर्तमान पता - नूरानी मस्जिद के सामने, वार्ड नं. 19 बसारी दरवाजा छतरपुर (म.प्र.)
संपर्क क्रं. - 8878489679
नियोजन स्थल का नाम - केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सी.आई.एस.एफ.)
पद - ‘‘काॅन्सटेबल’’
मेरा नाम दानिष सौदागर है मैं छतरपुर का मूल निवासी हूं मेरे पिता का नाम इकवाल है मेरे परिवार में कुल 10 सदस्य है जिसमें से मेरी दो बहनो का विवाह हो चुका है एवं एक बहन का विवाह बाकी है। हमारे परिवार की आर्थिक स्थिती ठीक नहीं होने के कारण हम कोई भी भाई-बहन बहुत अधिक षिक्षा नहीं ले पाएं। मेरे बडे भाई एक चप्पल-जूते की दुकान पर कार्य करते है जिससे उनके परिवार का गुजारा होता है, मेरे पिताजी की एक घर में ही छोटी सी किराने की दुकान है जिससे अधिकतम 200 रू. तक प्रतिदिन बचत हो पाती थी, बस इसी से हमारे घर के सभी खर्च चलते थे। मेरे अपने शहर में ही छोटे-मोटे काम करके अपने परिवार को सहारा दिया ताकि पिताजी का बोझ कम हो सके और साथ ही इस आषा से अपनी पढ़ाई भी करता गया कि शायद पढ लिखकर कही अच्छी नौकरी मिल जाये तो में परिवार का सहारा बन सकु। मेने 10वीं कक्षा के बाद छतरपुर के महाराजा काॅलेज से बी.ए. पास किया पढ़ाई के साथ-साथ मेंने सेल्समेन का कार्य भी किया एवं मेले में दुकान भी लगाई।
एक दिन मेरे स्कूल के साथी पियूष कुषवाह ने बताया की नगर पालिका परिषद छतरपुर द्वारा किसी योजना के तहत निःषुल्क प्रषिक्षण दिया जा रहा है, फिर मेंने दूसरे ही दिन नगर पालिका परिषद जाकर योजना का पता किया तो मुझे डे-एन.यू.एल.एम. की षाखा का पता दिया गया। मैने डे-एन.यू.एल.एम. की षाखा में जाकर श्री सी.पी. गुप्ता जी से योजना के बारे में पूछताछ की, गुप्ता जी ने मुझे दीनदयाल अंत्योदय योजना राष्ट्रीय षहरी आजीविका मिषन के अतर्गत मिलने वाले कौषल प्रषिक्षण एवं नियोजन के बारे में विसतृत में जानकारी दी और आवेदन करने हेतु शहर में प्रषिक्षण दे रही संस्था भगिनी निवेदिता षिक्षा समिति के प्रषिक्षण जाकर प्रषिक्षण हेतु आवेदन करने की सलाह दी।
मैने छतरपुर स्थित संस्था भगिनी निवेदिता षिक्षा समिति के प्रषिक्षण केन्द्र में जाकर प्रषिक्षण हेतु जानकारी प्राप्त की संस्था के मोहसिन खान सर ने मुझे सुरक्षा गार्ड के प्रषिक्षण के लाभ के बारे में बताया और प्रषिक्षण लेने हेतु कहा। थोडी देर मेंने सोचा सुरक्षा गार्ड के प्रषिक्षण लेने से कोई मतलब नहीं है सुरक्षा गार्ड बनने से कोनसा करियर बनेगा, बस वही 4-5 हजार रूपयों की नोकरी करनी पडेगी जिससे मेरे परिवार का सही से गुजारा भी नहीं हो पायेगा, ओर यही सोच लेकर में वहा से वापस अपने घर आ गया।
लेकिन घर आने के बाद भी प्रषिक्षण केन्द्र वाले खान सर की बातें दिमाक से जा नहीं रही थी बस दिल और दिमाक यही सोचने में लगा था क्या सुरक्षा गार्ड का प्रषिक्षण लेना चाहिए? सुरक्षा गार्ड की नौकरी करने से क्या में अपने परिवार को सुखी रख पाउंगाा? क्या प्रषिक्षण लेने के बाद में खुद की सुरक्षा ऐजेंसी खोल पाउंगा? क्या में सरकारी सुरक्षा गार्ड बन सकता हूं....? बस इन्ही सब सवालों के जवाब लेने के लिए में अगले दिन फिर से संस्था भगिनी निवेदिता षिक्षा समिति के प्रषिक्षण केन्द्र पर पहुंच गया और खान सर से पूछा - क्या प्रषिक्षण लेने के बाद में खुद की सुरक्षा ऐजेंसी खोल पाउंगा? क्या में सरकारी सुरक्षा गार्ड बन सकता हूं....? फिर मुझे सर ने बताया कि यह कोर्स केवल आपको सुरक्षा गार्ड का ज्ञान ही नही देगा बल्की यदि आप इसे सही तरीके से पूरी लगन के साथ सीखते है तो इस दिषा में आप अपने स्वयं की सुरक्षा ऐजेन्सी के रूप में व्यवसाय भी स्थापित कर सकते है, साथ ही किसी बडी ऐजेन्सी में जाकर एक अच्छे स्तर की सुरक्षा गार्ड की नौकरी भी पा सकते है या षासकीय सुरक्षा ऐजेन्सी में श्ी नियुक्त हो सकते है। बस यही बात सुनकर मैंने तुरंत आवेदन कर दिया यही सोचकर की प्रषिक्षण लेने के उपरांत मैं अपनी स्वयं की सुरक्षा ऐजेन्सी खोलुंगा या किसी षासकीय सुरक्षा ऐजेन्सी में नौकरी करूंगा।
सितम्बर 2018 से मैंने प्रषिक्षण केन्द्र जाकर अपना प्रषिक्षण प्रारंभ किया, मैं प्रतिदिन सुबह प्रातः 7 बजे प्रषिक्षण केन्द्र पहुच जाया करता था, जहां सबसे पहले हम सभी प्रषिक्षणार्थियों को फिटनेस ट्रेनर श्री बषीर खान के द्वारा फिटनेस ट्रेनिंग दी जाती थी, ट्रेनर द्वारा ग्राउंड में दौड लगवाई जाती थी, रस्सी एवं डण्डे के माध्यम से तरह तरह की टिप्स बताई जाती थी जो कि एक सुरक्षा गार्ड को सीखना जरूरी थी। उसके बाद हमारे मास्टर ट्रेनर द्वारा हम सभी प्रषिक्षणार्थियों को सुरक्षा गार्ड के पाठ्यक्रम अनुसार प्रषिक्षण दिया जाता था, प्रषिक्षण के दौरान मैंने ‘‘केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सी.आई.एस.एफ.)’’ की भर्ती हेतु आवेदन किया, कुछ समय बाद ही सी.आई.एस.एफ. के द्वारा मुझे फिटनेस टेस्ट के लिए बुलाया गया, मैंने वहा जाकर अपना फिटनेस टेस्ट दिया जिसमें मैं सफल हुआ। उसके बाद मैंने अपने 4 माह के सुरक्षा गार्ड प्रषिक्षण को जारी रखा जो कि दिनांक 07.01.2019 तक पूर्ण हुआ।
‘‘केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सी.आई.एस.एफ.)’’ के द्वारा मुझो दिनांक 10.01.2019 से ‘‘काॅन्सटेबल’’ के प्रषिक्षण के लिए इन्दौर के समीप स्थित बडवाह में बुलाया गया, मैने वहा पहुच कर काॅन्सटेबल हेतु अपना प्रषिक्षण प्रारंभ किया, आज मैं ‘‘केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सी.आई.एस.एफ.)’’ में ‘‘काॅन्सटेबल’’ के पद पर कार्यरत हूं, शासन द्वारा मुझे कटोत्री के उपरांत लगभग रू. 23000/- (लगभग रूपये तैइस हजार) प्रतिमाह वेतन प्राप्त होता है।
मैं नगर पालिका परिषद, छतरपुर (म.प्र.) एवं भगिनी निवेदिता षिक्षा समिति, भोपाल और मैंरे मार्गदर्षक श्री सी.पी. गुप्ता, मोहसिन खान सर एवं समस्त साथियों का आभार व्यक्त करता हूं जिन्होने मुझे सही मार्गदर्षन देकर आज ‘‘केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सी.आई.एस.एफ.)’’ में कार्य करने हेतु प्रोत्साहित किया।
आज मेरा परिवार बेहद खुष है और मुझे भी बहुत खुषी है कि, मैं अपने परिवार का सहारा बना और अपने परिवार को एक खुषहाल जिन्दगी दे सकुंगा। मैं उन सभी षिक्षीत बेरोजगार युवाओं को एक बात कहना चाहुंगा कि, कोई भी कार्य छोटा या बडा नहीं होता केवल देखने का नजरियां छोटा-बडा होता है, जिस प्रकार मैंने सुरक्षा गार्ड के प्रषिक्षण को अलग नजरिये से देखा और कुछ अलग करने की ठानी उसी प्रकार आप भी किसी भी कार्य या प्रषिक्षण को छोटा ना समझे क्योकि भविष्य में कोनसा हुनर कहा काम आये ये आपको भी पता नहीं होता।
एक बार फिर मैं सभी का दिल से धन्यवाद करता हूं....!
आपका प्रिय
दानिष सौदागर
काॅन्सटेबल - सी.आई.एस.एफ